Original Article published in Navbharat Times on 25 Feb 2017
गौरतलब है कि पूर्व उप राज्यपाल ने पिछले साल सितंबर में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों को निरस्त कर दिया था। उन्होंने कहा था कि आप सरकार ने समिति गठित करने के लिये उनकी पूर्वानुमति नहीं ली थी। केजरीवाल ने कहा कि समिति की सिफारिशों को सोमवार को नये उप राज्यपाल अनिल बैजल को भेज दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि वह स्वयं उप राज्यपाल से मिलकर इन सिफारिशों को मंजूरी देने का आग्रह करेंगे ताकि कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके।
मंत्रिमंडल के निर्णय के मुताबिक अकुशल कर्मियों का न्यूनतम वेतन 9,724 रुपये से बढ़कर 13,350 रुपये मासिक होगा। अर्ध-कुशल कर्मियों के लिये इसे 10,764 रुपये से बढ़ाकर 14,698 रुपये और कुशल कर्मचारियों के लिये 11,830 रुपये से बढ़ाकर 16,182 रुपये मासिक करने की सिफारिश की गई है। मुख्यमंत्री ने सिविल लाइंस स्थित अपने आधिकारिक निवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'मुझे उम्मीद है कि उप राज्यपाल अगले सप्ताह इन्हें मंजूरी दे देंगे क्योंकि इसमें हमने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है। होली के मौके पर यह कर्मचारियों के लिये बड़ा तोहफा होगा।'
गौरतलब है कि इससे पहले सरकार की तरफ से बनाई गई समिति ने न्यूनतम वेतन में 50 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की थी। अकुशल के लिये इसे बढ़ाकर 14,052 रुपये, अर्ध-कुशल के लिये 15,471 रुपये और कुशल के लिये 17,033 रुपये मासिक करने की सिफारिश की गई थी। दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पहले न्यूनतम वेतन तीन बिंदुओं के आधार पर तय किया जाता था- आवास, कपड़ा और खाना। लेकिन समिति ने इसमें शिक्षा, बिजली और ईंधन को भी शामिल किया है। उप राज्यपाल द्वारा बनाई गई समिति में सरकार, उद्योग और श्रमिक संगठनों सहित पांच सदस्य शामिल थे।
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